बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन, नक्सलियों ने की शांति वार्ता की अपील

बीजापुर। छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन जारी है। यह अभियान पिछले चार दिनों से लगातार चल रहा है और इसमें तीन राज्यों की संयुक्त पुलिस और अर्धसैनिक बल भाग ले रहे हैं। इस बीच नक्सलियों की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।

उत्तर पश्चिम बस्तर ब्यूरो के प्रभारी रूपेश की ओर से एक प्रेस नोट जारी कर नक्सलियों ने बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर चल रहे सैन्य अभियान को तत्काल रोकने की अपील की है। नक्सलियों ने शांति वार्ता के लिए आगे आने की इच्छा जताई है।

सुरक्षा बलों द्वारा इस अभियान के लिए अत्याधुनिक हथियारों से लैस भारतीय वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टरों को जगदलपुर, बीजापुर, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में तैनात किया गया है। साथ ही, ड्रोन के जरिए पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है और हेलिकॉप्टरों के माध्यम से जवानों को आवश्यक खाद्य सामग्री भी पहुंचाई जा रही है।

छत्तीसगढ़ समेत देशभर की सुरक्षा एजेंसियां इस ऑपरेशन पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। बीजापुर, महाराष्ट्र और तेलंगाना में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मोर्चा संभाले हुए हैं। जवानों का मुख्य निशाना कररेगुट्टा और नीलम सराय की पहाड़ियों पर है, जहां बड़ी संख्या में नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिली थी।

बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर करीब 5,000 जवान तैनात किए गए हैं। जवानों ने नक्सली नेताओं हिड़मा, दामोदर और देवा समेत कई बड़े नामों को उनकी बटालियन के साथ घेर लिया है। जानकारी के अनुसार, करीब 300 नक्सलियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।

इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, नक्सलियों के पास इस समय पर्याप्त राशन और पानी की कमी है, जिससे उनकी स्थिति कमजोर हो रही है। यह ऑपरेशन 12 घंटे से ज्यादा समय से लगातार चल रहा है और अभी भी जारी है।

सुरक्षा एजेंसियों की नजर इस पर टिकी है कि नक्सलियों की वार्ता की अपील के बाद रणनीति में कोई बदलाव आता है या नहीं।

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