गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का 84वां अधिवेशन शुरू, ‘न्यायपथ’ थीम पर दो दिवसीय आयोजन

अहमदाबाद, गुजरात – कांग्रेस पार्टी का 84वां महाधिवेशन मंगलवार, 8 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में शुरू हुआ। दो दिवसीय यह कार्यक्रम 9 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें कांग्रेस संगठन की भावी रणनीति और विचारधारा पर गहन चर्चा होगी। अधिवेशन की थीम है ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष’

अधिवेशन के पहले दिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की चार घंटे लंबी बैठक आयोजित की गई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सभी CWC सदस्य उपस्थित रहे। बैठक के उपरांत सभी सदस्यों को ‘पटेल: अ लाइफ’ नामक पुस्तक भेंट की गई। इसके बाद नेताओं का सामूहिक फोटो सत्र सरदार पटेल स्मारक के बाहर संपन्न हुआ।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने बताया कि सरदार वल्लभभाई पटेल को लेकर विशेष प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्होंने कहा, “इस प्रस्ताव के जरिए यह समझा जा सकेगा कि पंडित नेहरू और सरदार पटेल के संबंध कैसे थे।” साथ ही उन्होंने गांधीवादी संस्थाओं पर हो रहे हमलों पर चिंता भी जताई।

64 साल बाद गुजरात में कांग्रेस का अधिवेशन

गुजरात में कांग्रेस का यह अधिवेशन ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि राज्य में 64 साल बाद ऐसा आयोजन हो रहा है। इससे पहले 1961 में भावनगर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था। इस बार कांग्रेस संगठन गुजरात को मजबूती देने और 2027 विधानसभा चुनावों के लिए रोडमैप तैयार करने की दिशा में इसे बड़ा कदम मान रहा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी मंगलवार सुबह 10:30 बजे अहमदाबाद पहुंचे। प्रियंका गांधी हालांकि पहले दिन शामिल नहीं हुईं, लेकिन अधिवेशन के मुख्य कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी की संभावना है। देर शाम दो चार्टर्ड विमानों से लगभग 80 कांग्रेस नेता अहमदाबाद पहुंचे। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री दीपक बैज भी बैठक में मौजूद रहे।

मुख्य अधिवेशन 9 अप्रैल को साबरमती रिवरफ्रंट पर

बुधवार, 9 अप्रैल को साबरमती रिवरफ्रंट पर मुख्य अधिवेशन आयोजित किया जाएगा, जिसमें देशभर से 1700 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। आयोजन के लिए विशेष VVIP डोम बनाया गया है। इस दिन अधिवेशन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के अन्य शीर्ष नेता उपस्थित रहेंगे।

इस अधिवेशन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 वर्ष और सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष मनाया जा रहा है। चूंकि दोनों महापुरुष गुजरात से थे, कांग्रेस ने अधिवेशन के लिए इसी भूमि को चुना है।

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