गरियाबंद के 40 गांवों में फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर लोग, कई बीमारियां फैलीं

गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र में 40 गांवों के ग्रामीण फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं। जल शक्ति बोर्ड के वैज्ञानिकों द्वारा की गई जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि 90 पेयजल स्रोतों में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाई गई है।

इस जहरीले पानी के कारण ग्रामीणों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल रही हैं। डेंटल और स्केलटल फ्लोरोसिस के 100 से अधिक मरीज सामने आए हैं, जिनके दांत पीले पड़ गए हैं और हड्डियां टेढ़ी हो गई हैं।

सुपेबेड़ा, जिसे ‘किडनी रोगियों का गांव’ कहा जाता है, वहां की भी जांच की गई, जहां पानी में फ्लोराइड की मात्रा कम पाई गई है। हालांकि, चार साल पहले ही क्षेत्र के पानी में फ्लोराइड की अधिकता की पुष्टि हो चुकी थी। इस समस्या के समाधान के लिए 40 स्कूलों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाए गए थे, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण न तो स्कूली बच्चे और न ही ग्रामीण इनका सही उपयोग कर रहे हैं।

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