रायपुर/बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूलों और छात्रावासों में बच्चों के भोजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं. यह कदम सुकमा जिले के पकेला पोटाकेबिन स्कूल में बच्चों के भोजन में फिनाइल मिलने की घटना और हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद उठाया गया है. मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने 10 बिंदुओं पर आधारित निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें सभी जिलों के प्रमुख अधिकारियों को भेजा गया है.

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नए नियमों के तहत, स्कूलों और छात्रावासों में रसोई और भोजन परोसने के क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों और वार्डन को भोजन परोसने से पहले उसका स्वाद लेकर प्रमाण पत्र देना होगा. खाद्य सुरक्षा की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त होगा, और किसी भी चूक के लिए संस्था प्रमुख को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.

अनधिकृत व्यक्तियों का रसोई क्षेत्र में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित होगा. फिनाइल, कीटनाशक, डिटर्जेंट और केरोसिन जैसे हानिकारक पदार्थों को भोजन भंडारण क्षेत्र से अलग रखने के लिए ताले और सीलबंद कंटेनरों का उपयोग अनिवार्य होगा. इसके अलावा, सभी स्कूलों और छात्रावासों में प्राथमिक चिकित्सा किट और विषहर औषधियां उपलब्ध कराने के साथ-साथ नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों के साथ समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं.

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खाद्य विषाक्तता जैसी आपात स्थिति के लिए मॉक ड्रिल और तत्काल पुलिस को सूचना देना भी अनिवार्य होगा. इसके लिए अभिभावक-शिक्षक निगरानी समिति का गठन किया जाएगा, जो नियमित समीक्षा करेगी. साथ ही, राज्य स्तर पर एक हेल्पलाइन और शिकायत तंत्र स्थापित करने के निर्देश हैं. छोटी से छोटी घटना की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर को देना होगा.

ये निर्देश स्कूल शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभागों के साथ-साथ सभी संभागायुक्तों, एसपी और कलेक्टरों को भेजे गए हैं, ताकि बच्चों के भोजन की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही न बरती जाए.

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