रायपुर: राजधानी रायपुर में बहुचर्चित आबकारी घोटाले के मामले में शुक्रवार को एक बार फिर बड़ा घटनाक्रम सामने आया। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास, कारोबारी नितेश पुरोहित और उनके करीबी यश पुरोहित को पुलिस रिमांड समाप्त होने पर विशेष न्यायालय (ACB/EOW) में पेश किया। यह मामला प्रदेश में चल रहे करोड़ों रुपये के कथित आबकारी घोटाले से जुड़ा है, जिसकी जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं।
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EOW की ओर से पेश की गई जानकारी के अनुसार, पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास और कारोबारी यश पुरोहित की पुलिस रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए अदालत में आवेदन दिया गया है। जांच एजेंसी का तर्क है कि दोनों से पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं, जिन पर आगे की गहन जांच आवश्यक है। एजेंसी को संदेह है कि आरोपियों ने आबकारी विभाग के ठेकों और लाइसेंसों में अनियमितताओं के माध्यम से भारी आर्थिक लाभ कमाया और इस पूरे नेटवर्क में कई और प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता हो सकती है।
दूसरी ओर, नितेश पुरोहित की पुलिस रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद EOW ने उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आवेदन किया। विशेष न्यायालय ने EOW के आवेदन पर सुनवाई की और नितेश को न्यायिक हिरासत में भेजने की अनुमति दी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जांच एजेंसी आगे की पूछताछ के लिए आवश्यकता पड़ने पर नितेश को पुनः रिमांड पर ले सकती है, बशर्ते इसके लिए पर्याप्त सबूत और कारण प्रस्तुत किए जाएं।अदालत परिसर में पेशी के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके। पेशी के समय मीडिया कर्मियों और वकीलों की भीड़ लगी रही। इस हाई-प्रोफाइल मामले को लेकर आम जनता और राजनीतिक हलकों में भी गहरी दिलचस्पी देखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, EOW की जांच में अब तक यह सामने आया है कि आरोपियों ने आबकारी विभाग में पद का दुरुपयोग करते हुए शराब ठेकों के आवंटन में अनियमितताएं कीं और अवैध वसूली के माध्यम से करोड़ों रुपये का घोटाला किया। जांच टीम को शक है कि इस मामले में राज्य के कुछ और बड़े अधिकारी और कारोबारी भी शामिल हो सकते हैं। इसी कारण निरंजन दास और यश पुरोहित से आगे की पूछताछ के लिए रिमांड बढ़ाने की मांग की गई है।
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गौरतलब है कि आबकारी घोटाला प्रकरण पिछले कई महीनों से सुर्खियों में बना हुआ है। EOW और ACB की संयुक्त टीम ने इस मामले में कई छापेमार कार्रवाई की है, जिनमें भारी मात्रा में दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए हैं। जांच एजेंसी का दावा है कि जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर और भी बड़े खुलासे संभव हैं।विशेष अदालत ने EOW के आवेदन पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि अदालत जल्द ही निरंजन दास और यश पुरोहित की रिमांड बढ़ाने पर फैसला सुनाएगी। वहीं नितेश पुरोहित को फिलहाल जेल भेजने के निर्देश पहले ही दे दिए गए हैं। इस पूरी कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि आबकारी घोटाले की जांच अभी लंबी चलने वाली है। EOW का कहना है कि यह केवल शुरुआती चरण है और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, कई और नाम सामने आ सकते हैं। फिलहाल पूरे प्रदेश की निगाहें विशेष न्यायालय के आगामी आदेश और EOW की अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।