अंबिकापुर में ज़मीन कूटरचना मामला: सरगुजा पुलिस ने मुख्य आरोपी को उत्तरप्रदेश से किया गिरफ्तार

अंबिकापुर में करीब 3 एकड़ शासकीय भूमि को फर्जी दस्तावेजों के जरिए सैकड़ों लोगों के नाम कराने के मामले में सरगुजा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। मुख्य आरोपी मोहम्मद दस्तगीर अंसारी को पुलिस ने उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले, मामले में शामिल एक अन्य आरोपी मोहम्मद फारुख को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में भेजा जा चुका है।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?

6 सितंबर 2024 को प्रार्थी ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि अशोक अग्रवाल विरुद्ध सुखमणिया एवं अन्य मामलों में राजस्व मंडल छत्तीसगढ़, बिलासपुर द्वारा पारित आदेश संदेहास्पद प्रतीत हो रहे हैं। जांच में खुलासा हुआ कि राजस्व मंडल के फर्जी आदेश बनवाकर शासकीय जमीन को निजी व्यक्तियों के नाम चढ़ाया गया था। पुलिस ने मामले में अपराध दर्ज कर जांच शुरू की।

मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी

पुलिस ने मोहम्मद फारुख को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, जिसने पूछताछ में बताया कि उसने मोहम्मद दस्तगीर अंसारी के साथ मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। इसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी की तलाश तेज कर दी। मुखबिर की सूचना पर उत्तरप्रदेश में उसके परिजनों के घर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।

पुलिस की आगे की कार्रवाई

मोहम्मद दस्तगीर की गिरफ्तारी पर पार्षद आलोक दुबे ने सरगुजा पुलिस टीम को बधाई दी है। उन्होंने मांग की है कि आरोपी को रिमांड पर लेकर बलरामपुर, सूरजपुर और सरगुजा जिलों में किए गए अन्य ज़मीन घोटालों की भी जांच की जाए। पुलिस को संदेह है कि उसने फर्जी ऋण पुस्तिका, राजस्व बोर्ड के जाली आदेश और अन्य कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर बेशकीमती सरकारी ज़मीन को हड़पने की कोशिश की थी।

सरगुजा पुलिस अब इस पूरे नेटवर्क की कड़ियों को जोड़ने में जुटी है और संभावना है कि इस घोटाले में और भी नाम उजागर हो सकते हैं।

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