उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक अस्पताल के चपरासी ने अधिकारी बनकर कैबिनेट मंत्री को पूरे अस्पताल का दौरा करा दिया। बाद में वीडियो वायरल हुआ तो चपरासी को जेल भेज दिया गया। वहीं, चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि, आरोपी चपरासी को अब जमानत मिल गई है और उसको निलंबित करने की कार्रवाई की जा रही है। पूरा मामला 27 अगस्त का है। कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और पूर्व बिंदकी विधायक ने फतेहपुर अस्पताल का दौरा किया था। इस दौरान एक चपरासी ने अधिकारी बनकर मंत्री जी को पूरा अस्पताल घुमा दिया। फोन पर डॉक्टरों से डीलिंग भी की। बाद में जब वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो आरोपी चपरासी के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई।
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फतेहपुर जिले में दो हृदयविदारक घटनाओं के बाद मंत्री घायलों से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान चपरासी ने अधिकारी बनकर उन्हें इलाज की गलत जानकारी दी। घटना के बाद मंत्री जी की शिकायत पर अधिकारी बनकर गलत जानकारी देने वाले प्रमोद कुमार चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है और कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। बाद में जमानत दे दी गई।
चीफ मेडिकल ऑफिसर ने की कार्रवाई
शुरुआती जांच में सामने आया है कि चीफ मेडिकल सुपरीटेंडेंट की मिलीभगत से चपरासी अधिकारी बनकर अस्पताल में घूमता था। वह उनके ही चेम्बर से डॉक्टरों से डील और वसूली करता था। अब चपरासी को निलंबित किया जा रहा है और सीएमएस के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। चपरासी काफी दिनों से सीएमएस पीके सिंह का खास पीआरओ बनकर जिला अस्पताल के सभी काम देखता था और डॉक्टरों को मैनेज करने सहित वसूली का काम करता था।
कैसे खुली पोल?
बिंदकी तहसील के हरदौली गांव में कच्चा घर गिरने से दंपति सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी और चार लोग घायल हो गए थे। घायलों का उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है। घायलों से मिलने कैबिनेट मंत्री राकेश सचान और पूर्व बिंदकी विधायक कारण सिंह पटेल पहुंचे। इस बीच चपरासी प्रमोद कुमार चौधरी अधिकारी बनकर डॉक्टर नितिन के होते हुए कैबिनेट मंत्री को एक्सरे हो जाने की गलत सूचना देकर गुमराह कर रहा था। इस पर मंत्री का पारा चढ़ा और तत्काल पुलिस बुलाकर उसे गिरफ्तार करा दिया। इसके साथ ही सीएमओ को निलंबन करने के निर्देश दिए।
दूसरा वीडियो भी वायरल
अब चपरासी प्रमोद कुमार चौधरी का एक सीएमएस ऑफिस के अन्दर से घायलों के परिजनों के साथ बैठकर डॉक्टरों पर हुकुम चालने का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। जिससे सीएमएस की मिली भगत होने की आशंका बढ़ गई है। सीएमओ ने बताया कि फर्जी पीआरओ बनकर कैबिनेट मंत्री को गुमराह करने और घायलों के ऑपरेशन में वसूली करने वाले चपरासी प्रमोद कुमार चौधरी के निलंबन की प्रक्रिया की जा रही है। इसके बाद सीएमएस पीके सिंह के इसमें शामिल होने की जांच की जाएगी।