महादेव सट्टा ऐप मामला: सीबीआई की जांच तेज, ASP अभिषेक माहेश्वरी के घर दोबारा छापेमारी
रायपुर। महादेव सट्टा ऐप घोटाले में सीबीआई की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। बुधवार को छापेमारी के बाद गुरुवार को एक बार फिर सीबीआई की टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) अभिषेक माहेश्वरी के कंचनबाग स्थित सनसिटी आवास पहुंची। बुधवार को छापेमारी के बाद उनके घर को सील कर दिया गया था, जिसे आज खोलकर दोबारा जांच शुरू की गई।
इस मामले में सीबीआई ने छत्तीसगढ़, दिल्ली, भोपाल और कोलकाता समेत चार राज्यों में 60 स्थानों पर छापेमारी की थी। रायपुर, दुर्ग और भिलाई में हुई कार्रवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके पूर्व ओएसडी आशीष वर्मा और मनीष बंछोर, पूर्व सचिव सौम्या चौरसिया सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों के ठिकानों पर छापे मारे गए।
इसके अलावा, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, चार आईपीएस अधिकारी आनंद छाबड़ा, अभिषेक पल्लव, आरिफ शेख, प्रशांत अग्रवाल, एएसपी संजय ध्रुव, सिपाही नकुल और सहदेव के घरों पर भी सीबीआई ने दबिश दी। प्रशांत त्रिपाठी के ठिकाने पर भी छापेमारी की गई।
जल्द हो सकती हैं अहम गिरफ्तारियां
सीबीआई ने इस मामले की जांच को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। आज की प्रेसवार्ता में एजेंसी के आक्रामक रुख को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में कई अहम गिरफ्तारियां हो सकती हैं। सोमवार को सभी संबंधित आरोपियों को समन भेजे जाने की संभावना है, जिसके बाद गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हो सकता है।
प्रारंभिक जांच में कम से कम दो आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दोनों पूर्व ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा से देर रात तक कड़ी पूछताछ जारी रही। हालांकि, सीबीआई के पास क्या सबूत हैं और कौन सा आरोपी पहले गिरफ्तार होगा, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन जांच एजेंसी की बढ़ती कार्रवाई से इस मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
विक्की समोसे वाला भी सीबीआई के रडार पर
इस मामले में सीबीआई ने अब रायपुर के कुख्यात भू-माफिया विक्की समोसे वाले को भी अपनी जांच के दायरे में ले लिया है। कभी शहर की सड़कों पर समोसे बेचने वाला विक्की अब छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा भू-माफिया बनने की राह पर है। आरोप है कि कांग्रेस शासनकाल में उसने छोटे नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के काले धन को निवेश कर करोड़ों की संपत्ति बनाई।
बताया जा रहा है कि सेजबहार, छछानपैरी, कांदुल, टाटीबंध और मुजगहन समेत रायपुर के कई इलाकों में उसने बाजार दर से कई गुना अधिक कीमत पर जमीनें खरीदीं। अब सीबीआई उसकी अवैध संपत्तियों और लेन-देन की गहन जांच कर रही है।
जांच एजेंसी की इस सख्त कार्रवाई से महादेव सट्टा ऐप घोटाले में बड़े राजनीतिक और प्रशासनिक चेहरों की संलिप्तता उजागर होने की संभावना बढ़ गई है।