छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार और प्रशासन को फटकार

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में अवैध रेत खनन का कारोबार अपने चरम पर है, जिससे माफिया करोड़ों की कमाई कर रहे हैं, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इस गंभीर स्थिति पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने सख्त लहजे में पूछा कि माइनिंग एक्ट में कठोर दंड का प्रावधान होने के बावजूद अवैध खनन में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही?

सरकार की नीतियों पर सवाल, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी

हाईकोर्ट ने कहा कि रेत माफिया सरकार की ढीली नीतियों का फायदा उठा रहे हैं। भारी मात्रा में अवैध खनन कर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है और पकड़े जाने पर जुर्माना भरकर छूट जाते हैं। अदालत ने पूछा कि क्या प्रशासन सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रहा है?

माइनिंग एक्ट का सख्ती से पालन करने के निर्देश

हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि अवैध रेत खनन को रोकने के लिए केवल आर्थिक दंड लगाना पर्याप्त नहीं है। अगर इस समस्या को खत्म करना है, तो दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई करनी होगी।

सरकार का जवाब: कागजी कार्रवाई तक सीमित

राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि अवैध खनन रोकने के लिए चार सदस्यीय टीम गठित की गई है, जो अन्य राज्यों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार करेगी। साथ ही अरपा नदी में प्रदूषण रोकने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी बनाई जा रही है। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस जवाब से असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सिर्फ कमेटी बनाने से अवैध खनन नहीं रुकेगा।

FIR दर्ज करने और रेत तस्करी को संज्ञेय अपराध घोषित करने की मांग

सरकार ने जानकारी दी कि अब अवैध रेत खनन और परिवहन करने वालों पर FIR दर्ज की जा रही है और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। हाईकोर्ट ने इसे अपर्याप्त बताते हुए रेत तस्करी को संज्ञेय अपराध (Cognizable Offense) घोषित करने की मांग की, ताकि अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई हो सके।

22 अप्रैल तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो सरकार पर होगी सख्त कार्रवाई

हाईकोर्ट ने कहा कि अवैध रेत खनन के कारण निर्दोष लोगों की जान जा रही है, और हाल ही में तीन मासूम बच्चियों की मौत इसका उदाहरण है। अदालत ने पूरे प्रदेश में सख्त निगरानी के आदेश दिए हैं और 22 अप्रैल तक ठोस कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अगर सरकार इस मामले में ढिलाई बरतती है, तो अदालत कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी।

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