Uttarakhand Cloudburst: उत्तराखंड में फिर बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में रात को हुई भारी बारिश के बाद दो जगहों पर बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। नंदानगर घाट क्षेत्र के कुंतरी लंगाफली और धुर्मा गांव में बादल फटने के कारण कई घर और गाड़ियां मलबे में दब गईं।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी के अनुसार, नंदानगर के कुंतरी लंगाफली वार्ड में 6 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 7 लोग लापता हो गए। राहत और बचाव दल ने 2 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।
#WATCH | Uttarakhand | Chamoli District Magistrate Sandeep Tiwari told ANI, "A cloudburst caused damage in the Nandanagar Ghat area of Chamoli district on Wednesday night. Six houses were buried under debris in the Kuntri Langafali ward of Nandanagar. The District Magistrate… pic.twitter.com/oNWiRwzxYw
— ANI (@ANI) September 18, 2025
धुर्मा गांव में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। यहां कई वाहन, दुकानें और मकान मलबे की चपेट में आ गए हैं। हादसे की सूचना मिलते ही SDRF, NDRF, और तहसील प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है और बचाव कार्य में जुटी हुई है।
गोपेश्वर में जिला आपदा प्रबंधन केंद्र ने भी घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि भूस्खलन के मलबे ने कई घरों को नष्ट कर दिया। मौसम की खराब स्थिति के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं, लेकिन प्रशासन की टीमें लगातार लापता लोगों की तलाश कर रही हैं।
VIDEO | Chamoli, Uttarakhand: Cloudburst in Nandanagar results in massive destruction. More details are awaited.#UttarakhandNews
(Source: Third Party)
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/m1IRuxXLsO
— Press Trust of India (@PTI_News) September 18, 2025
इससे पहले देहरादून में बादल फटा
इससे पहले, देहरादून और राज्य के कई अन्य हिस्सों में मंगलवार को बादल फटने और रात भर हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई थी। उफनती नदियों ने इमारतों, सड़कों और पुलों को बहा दिया, जिससे 6 लोगों की मौत हो गई, 7 लोग लापता हो गए और पहाड़ी राज्य के विभिन्न स्थानों पर 600 से अधिक लोग फंस गए थे।
वहीं, मौसम विभाग ने उत्तराखंड में आज अगले 20 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है, जिससे भूस्खलन और नदियों का जलस्तर बढ़ने की आशंका है।