रायपुर: अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग, छत्तीसगढ़ प्रदेश ने आज कुरकुरे जैसी प्रमुख पैक्ड फ़ूड कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को गुमराह करने और GST राहत का लाभ स्वयं हड़पने के मामले को गंभीर चिंता का विषय बताया।उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त 2025 को सरकार द्वारा नई पीढ़ी के GST सुधारों के लिए तीन प्रमुख स्तंभों – संरचनात्मक सुधार (Structural Reforms), दर तर्कसंगतकरण (Rate Rationalisation) और व्यवसाय सुगमता (Ease of Doing Business) – की घोषणा की गई थी। किंतु इस घोषणा के तुरंत बाद ही, 19/08/2025 को उपरोक्त कंपनियों ने अपनी नई पैकिंग बाज़ार में उतारनी शुरू की और 22/09/2025 तक स्पष्ट रूप से पैकिंग साइज़ में कटौती कर उपभोक्ताओं को गुमराह किया।
प्रदेश महासचिव प्रदुमन शर्मा ने कहा
“सरकार द्वारा पैक्ड फ़ूड उत्पादों पर GST दरों में कटौती कर उपभोक्ताओं को राहत देने का दावा किया गया था। लेकिन वास्तविकता यह है कि कंपनियाँ—विशेषकर कुरकुरे—पैकिंग में सामान की मात्रा घटाकर उपभोक्ताओं को सीधा नुकसान पहुँचा रही हैं। पहले ₹20 के पैक में 78 ग्राम उत्पाद मिलता था, जबकि अब केवल 48 ग्राम ही उपलब्ध कराया जा रहा है। यानी उपभोक्ता को 30 ग्राम की प्रत्यक्ष हानि हो रही है। यह प्रवृत्ति भ्रामक पैकेजिंग और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन का स्पष्ट उदाहरण है।”
“कुरकुरे जैसी कंपनियों का यह रवैया साफ तौर पर अनुचित व्यापारिक आचरण (Unfair Trade Practice) है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत उपभोक्ता निष्पक्ष व्यापार और पारदर्शिता के हकदार हैं। किंतु कंपनियाँ इस अधिकार को छीन रही हैं। हम सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच कर दोषी कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही, उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए राज्य स्तर पर व्यापक अभियान चलाया जाना चाहिए।”
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आयोग ने सरकार से अपील की है कि राज्य सरकार तत्काल इस विषय पर जाँच के आदेश जारी करे। खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग कुरकुरे जैसी कंपनियों पर दंडात्मक कार्रवाई करें। सुनिश्चित किया जाए कि GST दरों में कटौती का प्रत्यक्ष लाभ उपभोक्ताओं तक पहुँचे।
आयोग ने कहा कि उपभोक्ता इस स्थिति में “दोहरी मार” झेल रहे हैं—सरकार राहत का दावा करती है, लेकिन कंपनियाँ घटे पैकिंग से उपभोक्ताओं को नुकसान पहुँचा रही हैं। सरकार के त्वरित हस्तक्षेप से ही उपभोक्ताओं को न्याय मिल सकेगा और इस प्रकार की अनुचित व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी।